निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

हमें हमेशा अपना दुख अपने मन में ही रखना चाहिए। दूसरों के सामने अपना दुख प्रकट करने से हमारा मन भले ही उस समय के लिए थोड़ा हल्का महसूस करे, लेकिन ऐसा करने से दूसरा आपके मन की बात नहीं समझेगा। ऐसा करके आप स्वयं अपना मजाक बनवा लेते हैं और अपनी कमजोरी दूसरों को बता देते हैं। कवि ने इसमें यही सझाने की कोशिश की है कि अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार आपके प्रति पहले जैसा नहीं रहता। ऐसा करके आप खुद ही उनके सामने हंसी का पात्र बनकर रह जाते हैं।


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